सद्भावना साइकिल यात्रा’ लेकर बछरावां पहुंचे हिमांशू कुमार
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बछरावां चौराहे पर साइकिल मैन का किया स्वागत

भारत के संतों और फकीरों की प्रेरणा से भारत की सद्भावना यात्रा निकाली
S4 न्यूज इन नेटवर्क संवाददाता
रायबरेली। देश की एकता व भाईचारे को कायम रखने का मिशन लेकर महात्मा गांधी की समाधि राजघाट (दिल्ली) से चलकर बछरावां पहुंचें मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशू कुमार का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बछरावां चौराहे पर जोरदार स्वागत किया। हिमांशू कुमार ने सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस देश की संत परम्परा की विचारधारा ही इस देश बचा सकती है इसलिए इस देश की संत परंपरा को देश के मुख्य विमर्श में लाना होगा।उन्होंने आगे कहा कि भारत देश अनेकों धर्मों, समुदायों और भाषाओं का देश है, जिसको देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने “अनेकता में एकता और लम्बे समय तक बचे रहने” का मुख्य कारण बताया था। इकबाल ने इसे ही इस शेर के माध्यम से इजहार किया कि- “कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दौरे दुश्मन जहां हमारा” भारत के बचे रहने की मुख्य शर्त यही है कि यहाँ अलग अलग धर्मों और समुदायों के बीच आपसी सम्मान और प्रेम बना रहे। भारत एक सुन्दर बगिया की तरह है जिसमें अलग अलग पुष्प और चिड़ियाँ इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं।इस अनेकता में एकता और आपसी प्रेम को अनेकों संतों फकीरों ने हमेशा पैदल यात्राओं मिलना जुलना बातचीत गीत संगीत के माध्यम से बढ़ाया और मज़बूत किया है। इसलिए हम भी भारत के संतों और फकीरों की प्रेरणा से एक साइकिल यात्रा भारत की सद्भावना को बल देने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह यात्रा महात्मा गाँधी की समाधि राजघाट से गांधी शाहदत दिवस 30 जनवरी को शुरू हुई तथा यह मगहर में संत कबीर की समाधि, वहाँ से 7 संत रैदास की समाधि काशी, तथा उसके महात्मा बुद्ध की समाधि कुशीनगर पर समाप्त होगी।
आज के इस अवसर पर एड. प्रमोद चौधरी, एड. पुष्कर पाल, एड. हेमन्त कुशवाहा, सरमजीत यादव, राजकुमार महात्मा, मुन्नू गुप्ता, सनी सोनकर, ओम प्रकाश, अनूप वर्मा, राजू, प्रकाश, आशीष चौधरी, भूपेश चौधरी, सुशील शर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।